naya kuch 👣
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Ongoing, First published Sep 11, 2018
this is about new beginnings,new goals which we have decided to achieve and more than that this is about learning from your mistakes and never be ashamed of them.....
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तसव्वुर (Urdu Poetry) by _aria__writes
38 parts Ongoing
किस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इस्तिहारा करूं, इस्तिखारा करूं तू फिर मिले तो मैं इश्क दोबारा करूं ...... (तू फिर मिले...) फिर अंधेरों में नए शफ़क की तलाश है फिर नया दिन नए सफर की तलाश है ...... (तलाश है....) . इश्क़ मेरा हिकायत-ए-मग़्मूम तो नहीं? मेरी जां हमारा इश्क़ कोई जुल्म तो नहीं? ....... (इश्क़ मेरा....) "अगर तुम हमसे आश्ना हो, तो फिर ठीक है 'गर नहीं तो फिर कुछ नहीं हमारा तो तआ'रुफ़ ही तुमसे है अगर तुम नहीं तो फिर कुछ नहीं" ..........( तो फिर कुछ नहीं....) . . . . . . For more interesting poetries you can continue reading this book till the end. Yeah I know some of poetries from this book is not that good but don't worry move forward because I'm damn sure you'll surely the next one because sometimes my mind doesn't know how to put actual words and that's how I end up with anything similar and sometimes it doesn't get along. For that please
ख़त जो भेजे नहीं। by yatishaw
1 part Ongoing
यह संग्रह उन अनकहे शब्दों की यात्रा है, जो दिल में उमड़ते तो हैं, मगर होंठों तक नहीं आ पाते। यह संग्रह प्रेम, प्रतीक्षा और उन कल्पनाओं से बुना गया है, जो कभी हकीकत में नहीं ढल सकीं। हर कविता और शायरी उन भावनाओं को समेटे हुए है, जो बेआवाज़ महसूस की जाती हैं—मौन संवाद, अधूरे ख्वाब, और वो फासले जो चाहत को और गहरा बना देते हैं। स्वतंत्र प्रवाह वाली कविताओं और भावनाओं से लबरेज़ शायरी के इस संकलन में आपको उन लम्हों की झलक मिलेगी, जो कहे तो नहीं गए, मगर दिल में गूंजते रहे। अगर आपने कभी दूर से किसी को चाहा है, कोई अधूरी ख्वाहिश दिल में बसाई है, या अनकहे लफ्ज़ों में सुकून पाया है, तो यह किताब आपके जज़्बातों को छू जाएगी। यह केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि उनके बीच के खालीपन का भी प्रतिबिंब है—जहाँ मोहब्बत ठहरती है और शायरी साँस लेती है।
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तसव्वुर (Urdu Poetry)

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