यह एक छोटी सी काल्पनिक कहानी है जो बर्तमान में हो रही घटनाओं से प्रेरित है। इस कहानी को लिखने का उद्देश्य समाज के एक निर्दिष्ट वर्ग के लोगों के आँखों को खोलना है।
"छोड़ो मुझे!.... हाथ छोड़ो और जाने दो!", रास्ते में जब एक लड़की की ऐसी आवाजे आई तो मीनाक्षी को अपनी स्कूटी रोकनी पड़ी, पीछे मुड़कर देखी तो एक लड़का एक लड़की से बदतमीजी कर रहा था। मीनाक्षी तुरन्त उनकी ओर गयी और उस लड़के को एक जोर का तमाचा लगायी। .......
आगे कहानी में कुछ चौंकाने वाला सच भी सामने आता है। यह कहानी कुछ लोगों को आईना दिखाने का काम करेगी। आशा करती हूँ कि आपको मेरी यह कहानी पसंद आयेगी।