* जाणीव*
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Ongoing, First published Mar 08, 2019
पतींचा आधार गेला कि जगाचे विपरीत अनुभव येतात. त्याला स्त्रीला पुरून उरावं लागतं.
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अक़्स

55 parts Complete

winner of "Popular Choice Awards India 2019". in ** ( Poetry: Hindi )** "अक़्स" "REFLECTION" चला जाता हूँ जहाँ जहाँ तेरा अक़्स दिखाई देता है, छुपा लूँ जमाने से मैं कितना भी जख़्म दिखाई देता है! हम अपने दोस्तों को मिलनें चलें जाये क्यूँ बताओं तो, चुप ही होते हैं पर होठोंपे उनकी बज़्म दिखाई देता है! आईना है जैसा बना दिया है हमनें अपना घर लेकिन, जब भी देखूँ यह सूरत आँखों में अश्क़ दिखाई देता है! रात ख़ामोश बेज़ुबान हैं और सितारें चिराग़ो से रोश़न, ख़ुशबूसे महकता है बिस्तर सामने हश्र दिखाई देता है! यह जिंदगी ए मोहब्बत तो ख़ुदा की अमानत है मगर, यह जमाना इश्क़ वालोंसे बहोत सख़्त दिखाई देता है!