इन अलगड अनजान राहों में उन अनजान चेहरो से मुलाकात हुई थी,
कुछ अपने से,कुछ परायो से,कुछ मुझ जैसे खबराए चहरो से मुलाकात हुई थी ,
न जाने कैसे उन अनजान चेहरो को रोज देखने कि आदत सी हो गई थी ,
कुछ खास ही थे वो नमूने जो दिल के पास रहते थे,
कुछ ख्वाब देखें थे मैने उनको उड़ते उन्हीं के वजह देखा है मैने!
न जाना था जो पल जी रही हूं आज मैं कल उन्हीं को ख्वाब बनते देखुंगी मैं ,
वो canteen के गाने कि मस्ती, वो पोहा समोसे कि खुशबू,
वो धूप मैं पेड़ों कि सरसराति हवा और मां के आँचल सी छाया,
वो होली में लाल, हरे, गुलाबी गाल,
वो मेरे लिए एक extra रोटी वाला प्यार,
वो exam के वक्त motivation ki Dukan !!
इन यादो को उन बातों को साथ में समेट कर जा रही हूं मैं,
इन इठलाते इतराते चेहरो को भूल न जाना सारे, 3 साल का माहौल 30 साल तक बरक़रार रखना यारो,
याद! रखना जीवन भर का साथ निभाने का वादा किया था, बीच में ना छोड़ जाना यारो,
जब कभी याद आए मेरी