Story cover for "इंसानों और नेताओं के बीच फंसे मासूम जानवर" by ShivankSrivastava23
"इंसानों और नेताओं के बीच फंसे मासूम जानवर"
  • WpView
    Reads 6
  • WpVote
    Votes 1
  • WpPart
    Parts 1
  • WpView
    Reads 6
  • WpVote
    Votes 1
  • WpPart
    Parts 1
Ongoing, First published Apr 10, 2019
ये कहानी है सम्मान कि, इंसान और मासूम जानवरों की।
All Rights Reserved
Sign up to add "इंसानों और नेताओं के बीच फंसे मासूम जानवर" to your library and receive updates
or
Content Guidelines
You may also like
चंपकलाल की चमत्कारी चप्पलें by Rameshchand5
2 parts Ongoing
मंगलपुर गाँव में चंपकलाल 'चंपू' नाम का दुकानदार रहता है - जिसकी दुकान में सड़ी रस्सी से लेकर हवाई चप्पल तक सब मिलता है। पर एक दिन उसकी नारंगी चप्पलें गायब हो जाती हैं - वही चप्पलें जिन्हें वह अपनी किस्मत और बुद्धि का रहस्य मानता था। अब चंपकलाल निकल पड़ा है एक विचित्र यात्रा पर - जहाँ उसे मिलेगा आलसी तहसीलदार, बोलती बकरी, सरकारी बेसमेंट और शायद... उसकी "चमत्कारी" चप्पलें भी! यह कहानी गाँव, व्यंग्य और सरकारी अफ़सरशाही के बीच छिपे हास्य की है। हँसी, व्यंग्य और मिट्टी की महक से भरी - "चंपकलाल की चमत्कारी चप्पल" एक ऐसा सफ़र है जहाँ हर कदम पर चप्पल से ज़्यादा कहानी चमकती है।
You may also like
Slide 1 of 10
चंपकलाल की चमत्कारी चप्पलें cover
my Romantic bhooth  cover
𝖧𝗎𝗆 𝖭𝖺𝗁𝗂 𝖲𝗎𝖽𝗁𝖺𝗋𝖾𝗇𝗀𝖾 (𝗕𝗧𝗦 𝗶𝗻𝗱𝗶𝗮𝗻 𝗢𝗻𝗲-𝘀𝗵𝗼𝘁𝘀) cover
𝗧𝗵𝗼𝗱𝗮 𝗥𝗲𝘃𝗲𝗿𝘀𝗲 𝗠𝗮𝗶𝗻  cover
bhabhi aur main  cover
Maa Ya Biwi?[HUMOR]✔ cover
mama aur bhanji  cover
कोरोना काल में पी टी एम cover
MaNan- Cross Connection|�✔ cover
चिकन खाओगे  cover

चंपकलाल की चमत्कारी चप्पलें

2 parts Ongoing

मंगलपुर गाँव में चंपकलाल 'चंपू' नाम का दुकानदार रहता है - जिसकी दुकान में सड़ी रस्सी से लेकर हवाई चप्पल तक सब मिलता है। पर एक दिन उसकी नारंगी चप्पलें गायब हो जाती हैं - वही चप्पलें जिन्हें वह अपनी किस्मत और बुद्धि का रहस्य मानता था। अब चंपकलाल निकल पड़ा है एक विचित्र यात्रा पर - जहाँ उसे मिलेगा आलसी तहसीलदार, बोलती बकरी, सरकारी बेसमेंट और शायद... उसकी "चमत्कारी" चप्पलें भी! यह कहानी गाँव, व्यंग्य और सरकारी अफ़सरशाही के बीच छिपे हास्य की है। हँसी, व्यंग्य और मिट्टी की महक से भरी - "चंपकलाल की चमत्कारी चप्पल" एक ऐसा सफ़र है जहाँ हर कदम पर चप्पल से ज़्यादा कहानी चमकती है।