समाज चाहे कितनी भी तरक्की कर ले लेकिन उस की मानसिकता आज भी संकीर्ण है कि बेटा वंश बढ़ाने वाला होता है बेटी नहीं. उस के लिए इस बात का कोई महत्त्व नहीं है कि मां की ममता सिर्फ बच्चे को देखती है बेटा या बेटी नहीं.All Rights Reserved
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