Agar Tum Na Hote
  • Reads 6,653
  • Votes 226
  • Parts 17
Sign up to add Agar Tum Na Hote to your library and receive updates
or
#17pakistan
Content Guidelines
You may also like
शाम के बाद  / Arjun Sharma  by ArjunSharma965
5 parts Ongoing
कबीर शर्मा, एक 26 वर्षीय बेरोज़गार नौजवान है जो दिल्ली की एक पॉश कॉलोनी में अपने सख़्त माता-पिता के साथ रहता है। वो UPSC की तैयारी कर रहा है, लेकिन उसकी ज़िंदगी में कुछ खास उत्साह नहीं है। एक दिन, उसके पड़ोस में एक नई औरत शिफ्ट होती है - रिया अरोड़ा। रिया - खूबसूरत, आत्मविश्वासी और रहस्यमयी। उसके पति ज्यादातर शहर से बाहर रहते हैं, और कॉलोनी में उसके बारे में कई अफवाहें उड़ती रहती हैं। कबीर पहले तो बस उसे दूर से देखता है, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच नज़दीकियाँ बढ़ती हैं। एक शाम रिया उसे अपने घर बुलाती है - और वहीं से दोनों के बीच एक ऐसा रिश्ता शुरू होता है जो सिर्फ जिस्म तक सीमित नहीं रहता। शाम के बाद, कबीर की हर रात रिया की बाँहों में गुजरने लगती है। लेकिन जैसे-जैसे रिश्ता गहराता है, कबीर को अहसास होता है कि रिया सिर्फ अकेली औरत नहीं... एक राज़ है। वो कभी-कभी डरी हुई लगती है, उस
You may also like
Slide 1 of 10
शाम के बाद  / Arjun Sharma  cover
Romantic Shades cover
Ishq Ka Safar ✔ (Completed)  cover
Family :Always There For You  cover
Desire To Be Yours (Completed ) cover
Sucker For Lust  cover
My Mafia Husband cover
Kuchh Ankahi Baatein cover
Ishq Sufiyaana ✔ cover
इंदौर का अनुभव cover

शाम के बाद / Arjun Sharma

5 parts Ongoing

कबीर शर्मा, एक 26 वर्षीय बेरोज़गार नौजवान है जो दिल्ली की एक पॉश कॉलोनी में अपने सख़्त माता-पिता के साथ रहता है। वो UPSC की तैयारी कर रहा है, लेकिन उसकी ज़िंदगी में कुछ खास उत्साह नहीं है। एक दिन, उसके पड़ोस में एक नई औरत शिफ्ट होती है - रिया अरोड़ा। रिया - खूबसूरत, आत्मविश्वासी और रहस्यमयी। उसके पति ज्यादातर शहर से बाहर रहते हैं, और कॉलोनी में उसके बारे में कई अफवाहें उड़ती रहती हैं। कबीर पहले तो बस उसे दूर से देखता है, लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच नज़दीकियाँ बढ़ती हैं। एक शाम रिया उसे अपने घर बुलाती है - और वहीं से दोनों के बीच एक ऐसा रिश्ता शुरू होता है जो सिर्फ जिस्म तक सीमित नहीं रहता। शाम के बाद, कबीर की हर रात रिया की बाँहों में गुजरने लगती है। लेकिन जैसे-जैसे रिश्ता गहराता है, कबीर को अहसास होता है कि रिया सिर्फ अकेली औरत नहीं... एक राज़ है। वो कभी-कभी डरी हुई लगती है, उस