बांध रखा था दिल ने तुझे अपने भीतर यू ही कहीं आज जो तूने उड़ान भरी है अब रुकना है कभी नहीं अब रुकना है कभ ी नहीं उड़ान - हिन्दी पंक्तियों का एक समूहAll Rights Reserved
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