निशा और वेन्दात स्कूल के पिनकिन पर एक दूसरे से मिले थे। एक दूसरे के साथ चार साल खतों के जरिए ही बात हुई थी। इन चार सालों में ना जाने कितने सुख दूख वताये थे एक दूसरे को। पर एक दिन वेन्दात के एक खत ने निशा को सोचने पर मजबूर कर दिया कि उसके मन में वेन्दात की क्या जगह है। वो उसको बहुत कुछ बताना चाहती थी। पर इतना ही बोल प ायी की आगे से उसको खत ना लिखे। उस दिन के बाद निशा को वेन्दात का एक भी खत नहीं मिला। आज कुछ सालों बाद उसको वेन्दात के शहर जाने का मौका मिला। क्या वो फिर मिलेंगे? क्या वो उसको सच बता पायेगी?All Rights Reserved