बलात्कार शब्द सुनते ही सभी के चेहरे का नक्शा बदल जाता है। क्यों? यही बदलाव हुआ भाव बलात्कार करते वक्त उस बलात्कारी के चेहरे पर क्यों नहीं आती है? क्या उनके खुद के घर में उनकी बहन, मां और बीवी नहीं है? हैरानी की बात तो यह है कि जो लोग दूसरों की बीवी, बेटियों और पत्नियों की इज्जत लूटते हैं वही भरे बाजार में अपनी सगी बहन, बेटी, बीवी और मां की इज्जत के लिए लड़ा करते हैं। मजाकिया बात नहीं तो क्या है? मैं अपने इस काव्य खंड में प प्रवल्लिका की कहानी बताना चाहती हूं जो कि 6 साल की एक बच्ची थी और बहुत ही बेरहमी के साथ उसका बलात्कार हुआ था।💔