महाभारत की गाथा तो सब जानते ही होंगे। इसमें एक अत्याचार पीड़ित स्त्री(द्रौपदी) के न्याय और अधर्म पर धर्म की विजय का चित्रण किया गया है। परंतु "द्रौपदी की महाभारत" वास्तविक कथा से कुछ भिन्न है। यहाँ द्रौपदी कोई अबला नारी नहीं अपितु एक सबला एवं बलशाली स्त्री है। वह अपने सम्मान की रक्षा स्वयं करना जानती है। इस कहानी में आप जानेंगे की कैसे द्रौपदी ने अपने आत्मसम्मान का रक्षण करते हुए अधर्म का नाश किया। यद्यपि, ये कहानी महज़ कल्पनाओं के मोतिओं से निर्मित एक माला है परन्तु यह महिलाओं की सशक्तता को दर्शाती है और नारी-सशक्तिकरण का उदाहरण पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती है। "द्रौपदी की महाभारत" के अग्र भागों हेतु आपकी टिप्पणियां सदैव आमंत्रित रहेंगी।