कुछ कहानियाँ सत्यता के इतने करीब होती हैं कि कहानियां लगती ही नहीं और कुछ हकीकतें वक़्त के साथ ऐसी हो जाती हैं जो पूरी ज़िंदगी सिर्फ कहानियों सी लगने लगती हैं। ऐसी ही एक कहानी जो हकीकत थी या फिर सिर्फ एक कहानी, अर्जुन शायद खुद नहीं समझ सका।All Rights Reserved