बीते दिनों के कुछ लम्हे,
मैं भी आज चुरा लूँ क्या?
थोड़ी सी हिम्मत कर,
मैं भी आज मुस्कुरा लूँ क्या?
लम्हे...
कुछ खट्टी-मीठी यादों के,
कुछ अनकही बातों के।
आज ज़िंदगी की इस उधेड़बुन में, जहाँ हर कोई बस अपनी ही धुन में मग्न होता जा रहा है, यह लम्हे ही तो हैं जिन्हें दोबारा जीने की लालसा हमें एक दूसरे से बाँधे हुए है।
चाहे शाम की चाय के साथ माँ के हाथों के पकौड़ों का अचानक बनना हो, या फिर पापा का ऑफिस से वापस आते हुए आइस-क्रीम ले आना हो, ज़िंदगी इन्हीं अनगिनत छोटे-छोटे लम्हों से ही तो है।
'लम्हे' ज़िंदगी के कुछ छुए-अनछुए पहलुओं पर लिखी गई कविताओं का एक संग्रह है। आशा करती हूँ के आप इन कविताओं से खुद को जोड़ पाएंगे।
With love,
Stella ❤️
#1 in short story
# Best Male Antagonist Award For This Story Character Aditya In TPA Awards
Cover credits to GS_Stella
Copywrite @ 2017 - Smiling Girl_07
Girl: Sanky how can u marry this idiot???
Sanky: Shut up...my wife is my life
Swara: 😘U are the one who completed me
To know more peep in....happy reading :)