कभी गर्म हवा तो कभी सर्द, कभी आशिकी तो कभी दर्द, दिल के अंगारों से चिराग जलाए मैनें, आंखो की नमी से चिराग बुझाए मैनें, सब कुछ खोया, और खो कर पाया, ये रोग बड़ा बेदर्द, कभी आशिक़ी को कभी दर्द!! enjoy reading :)All Rights Reserved