ऐ वतन तेरे आबरू के सामने, हम अपने जान कुरबान करेगें। सर कटे हमारे ये हमें खबुल है, लेकिन शिक्ष तुम्हारे झुके ये कभी हमें मंजूर नहीं। ऐ वतन मेरे तुम आत्म हमारे जिसे दिल में बसते है, कभी आंच ना आने देंगे तुम्हारे रूह को ये हमार वादा है तुम से जो हम मरते दम तक ना बुल पायेंगे आपने आप से।। ऐ वतन मेरे तुम पर हमार े जान्न कुरबान। ।All Rights Reserved