𝐊𝐡𝐚𝐦𝐨𝐬𝐡𝐢 𝐀𝐮𝐫 𝐊𝐡𝐚𝐰𝐚𝐢𝐬𝐡𝐞𝐢𝐧
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यह संग्रह उन अनकहे शब्दों की यात्रा है, जो दिल में उमड़ते तो हैं, मगर होंठों तक नहीं आ पाते। यह संग्रह प्रेम, प्रतीक्षा और उन कल्पनाओं से बुना गया है, जो कभी हकीकत में नहीं ढल सकीं। हर कविता और शायरी उन भावनाओं को समेटे हुए है, जो बेआवाज़ महसूस की जाती हैं—मौन संवाद, अधूरे ख्वाब, और वो फासले जो चाहत को और गहरा बना देते हैं। स्वतंत्र प्रवाह वाली कविताओं और भावनाओं से लबरेज़ शायरी के इस संकलन में आपको उन लम्हों की झलक मिलेगी, जो कहे तो नहीं गए, मगर दिल में गूंजते रहे। अगर आपने कभी दूर से किसी को चाहा है, कोई अधूरी ख्वाहिश दिल में बसाई है, या अनकहे लफ्ज़ों में सुकून पाया है, तो यह किताब आपके जज़्बातों को छू जाएगी। यह केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि उनके बीच के खालीपन का भी प्रतिबिंब है—जहाँ मोहब्बत ठहरती है और शायरी साँस लेती है।
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