"समय"
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Ongoing, First published Feb 17, 2022
मार्ग था दुर्बल, परिश्रम करना था कड़ा ।
सफलता प्राप्त करना अभी दूर था मुझसे बड़ा।
समय रहा था दौड़ सफलता, प्राप्ति की होड़ में लगा रहा था मैं भी दौड़।
परन्तु समय का पहिया कड़ा था।
काल स्वयं सारथी बन कर पहिए पर चढ़ा था।
मैंने भी मन में ठाना था , क्यों ना समय से आगे दौड़े।
समय से पूर्व करके काम , क्यों ना समय को पीछे छोडे।।
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