Di palak Banci
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Ongoing, First published Jan 15, 2015
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3 parts Ongoing
ये कहानी है रोहित और उसके परिवार की। बहुत ही मेहनत मशक्कत के बाद रोहित लखनऊ में अपना खुद का घर ले पाया। वो दिल्ली में सब कुछ बेंच बांच के लखनऊ वापिस आ गया। वो हमेशा से लखनऊ में रहना चाहता था जहां वो पैदा हुआ था और अपना बचपन गुजारा था। दिल्ली में ज्यादा अच्छी नौकरी होने के बावजूद भी वो लखनऊ आ गया। उसने अपने जीवन की सारी जमा पूंजी एक ही घर में लगा दी जो उसे पहली नजर में ही भा गया था...ऐसे लग रहा था जैसे वो घर उसे बुला रहा हो। पर रोहित को क्या पता था वो अपने सारे पैसे जिस घर पर लगा रहा है वो घर ही शापित है, उस घर की "परछाई" जिस पर भी पड़ती, वो व्यक्ति ही नहीं उसकी "परछाई" भी शापित हो जाती।
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