आदि कैलाश नित्यानंद सर्वज्ञपीठम में श्री राम का आगमन।
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Ongoing, First published Apr 14, 2022
आदि कैलाश नित्यानंद सर्वज्ञपीठम वह स्थान है जहां श्री राम ने अपने जीवन का सर्वोत्तम हिस्सा जिया था। वह सीता देवी, लक्ष्मण, सप्त ऋषियों और स्वयं परमशिव के साथ रहते थे। स्वयंभू नित्यानंदेश्वर परमशिव लिंग, नित्यानंदेश्वर परमशिव देवालयम का मूल विग्रह वह देवता हैं जिसकी श्री रामचंद्र ने स्वयं सीता और लक्ष्मण के साथ व्यक्तिगत रूप से पूजा की, और बाद में हनुमान द्वारा, जब वे यहां रहे।आदि कैलाश हजारों वर्ष पुराने पवित्र कल्पवृक्ष का घर है - इच्छा पूर्ण करने वाले बरगद का पेड़ । यह वह स्थान है जहां श्री राम ने प्रथम व्यास के रूप में, 108 उपनिषदों को संकलित किया और उन्हें मुक्तिकोपनिषद के रूप में श्री हनुमान - अपने परमभक्त को इसी बरगद के पेड़ के नीचे दिया। 
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आदि कैलाश नित्यानंद सर्वज्ञपीठम में श्री राम का आगमन। by HDHHindi
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आदि कैलाश नित्यानंद सर्वज्ञपीठम वह स्थान है जहां श्री राम ने अपने जीवन का सर्वोत्तम हिस्सा जिया था। वह सीता देवी, लक्ष्मण, सप्त ऋषियों और स्वयं परमशिव के साथ रहते थे। स्वयंभू नित्यानंदेश्वर परमशिव लिंग, नित्यानंदेश्वर परमशिव देवालयम का मूल विग्रह वह देवता हैं जिसकी श्री रामचंद्र ने स्वयं सीता और लक्ष्मण के साथ व्यक्तिगत रूप से पूजा की, और बाद में हनुमान द्वारा, जब वे यहां रहे।आदि कैलाश हजारों वर्ष पुराने पवित्र कल्पवृक्ष का घर है - इच्छा पूर्ण करने वाले बरगद का पेड़ । यह वह स्थान है जहां श्री राम ने प्रथम व्यास के रूप में, 108 उपनिषदों को संकलित किया और उन्हें मुक्तिकोपनिषद के रूप में श्री हनुमान - अपने परमभक्त को इसी बरगद के पेड़ के नीचे दिया। https://www.facebook.com/100044485207419/posts/542460423913460/
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