इश्क़ का रोग, एक बार लगे, तो ना छूटे!
दिल के तार, एक बार जुड़े, तो ना टूटे!
अब भले ही वो दिन बीते, या महीनें!
साल बीते, या फिर, पूरी की पूरी जिंदगानी...
एक बार आग जल उठता, तो फिर जन्मों तक, वो यूंही जलता रहता...
अब बेशक वो एक तरफ़ लगी हो या फिर दोनों तरफ़...
और यदि, कहीं सच्चे मुहब्बत की वो आग सिर्फ़ एक ही तरफ़ लगी हो, तो फिर तो उस आग की तपिश का आलम ही, कुछ और होगा...
ऐसी ही एक-तरफा इश्क़ की एक अद्भुत कहानी है, पारो की, जिसके प्रेम की बाती , ना जाने कितने ही जन्मों से, यूंही जल रही है...
"Baaz rehte hain jo mohobbat se
aise ahmaq zaheen hote hain"
~Siddharth Ashok Shukla
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"waapsi tumpar farz thodi hai
ye mohobbat hai , qarz thodee hai"
~ Shehnaaz gill