रंडियों का घर
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Ongoing, First published Dec 29, 2022
Mature
1 new part
रिश्तों के जंजीरों मे बंधी एक ऐसी प्रेम कहानी जो रिश्तों के मायने ही बदल दे.... एक ऐसी ही अद्भुत प्रेम कहानी.... जिसमे संभोग तो है लेकिन हवस नाम की कोई चीज़ नही है... मै एक ऐसी erotic story आप सब के लिए लेकर आया हुँ... जो रिश्तों के मायने ही बदल दे.... एक ऐसी प्रेम कहानी जहाँ सेक्स भी है लेकिन हवस नही... 

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© Copyright rights reserverd Don't try to copy.. It's a punishable offence अदिति की पलकें फड़फड़ा रही थीं और सुबह की धूप धीरे से उसके चेहरे को सहला रही थी। नील खिड़की के पास खड़ा था, खेल-खेल में पर्दों को खींच रहा था। अदिति दूसरी तरफ मुड़ी। नील उसके पास गया और बिस्तर के पास बैठ गया। "नीद से जागो स्वीटहार्ट!" वह उसके कान में फुसफुसाया, मुलायम चुंबन के साथ उसके गाल चूमे। "थोड़ी देर और सोने दो मुझे स्वीटहार्ट," आदिती ने धीमे से कहा। नील के हाथ को हल्के से खींचते हुए उसने कहा, "आओ, मेरे बगल में लेट जाओ।"