ये छोटी सी कहानी है मेरी नई आदोरिनी की जिसे खरीदी तो ही मेरी मां ने मगर ये लेखक जो चंचल स्वभाव का है, अपनी आदोरिनी को चलाने के लिए इतना उत्सुक है की वो इसके लिए एक हफ्ते तक कार चलाने का प्रशिक्षण(ट्रेनिंग) लेता है। अब लेखक की कार अर्थात उसकी आदोरिनी की बात चल रही है तो अगले पृष्ठ पर थोड़ा-सा लेखक के बारे में भी जान लें। कहानी में बहुत उतार-चढ़ाव आने वाले हैं। तो चलते हैं कहानी के आरंभ की यात्रा पर।All Rights Reserved