"धारणावाद : अमूर्त दर्शन" मानव मूल्यों पर आधारित तथ्य परक विवेचना पर आधारित दर्शन है । सामान्यतः हम जो चीजें देखते, सुन ते और करते हैं उस धारणा के पीछे का मूल कारण क्या है, इस पर गहराई से शोध कर यह पुस्तक लिखी गई है। यह पुस्तक जीवन को वास्तविक अर्थ में सही दिशा दिखाने वाली है ।इस पुस्तक में सामान्य मानवीय चेतना से उठने वाले सवालों के साथ ,धार्मिक ,राजनैतिक ,आध्यात्मिक ,वैज्ञानिक विषयों पर भी विवेचना है ।All Rights Reserved