गुरु-शिष्य संबंध भारतीय संस्कृति में एक गहराई से सम्मानित बंधन है, जहाँ गुरु शिष्य को ज्ञान, आध्यात्मि क मार्गदर्शन और व्यक्तिगत विकास प्रदान करता है। इसमें पारस्परिक सम्मान, आजीवन प्रतिबद्धता, और पीढ़ियों के माध्यम से ज्ञान का हस्तांतरण शामिल है, जो समग्र विकास और सांस्कृतिक संरक्षण पर जोर देता है।Todos los derechos reservados