इंतज़ार, सुकून और सज़ा, एक छोटी सी कहानी जिसमें कोई किरदार नहीं है पर ये जीवन और मोहब्बत में होने वाले इंतज़ार पर लिखी गई है जिसमें मिलने पर शांति मिलती है और समय बीतने के साथ जैसे-जैसे इंतज़ार बढ़ता जाता है वही सुकून सज़ा बनने लगता है
Waiting, peace and punishment, a short story in which there is no character but it is written on the waiting in life and love in which we get peace on meeting and with the passage of time as the waiting increases, the same peace starts becoming a punishment