हम कर्म और धर्म से राजपूत हैं | हम अपने स्वाभिमान पर, किसी को उंगली उठाने नहीं देंगे | हमने अपने भाइयों को खोया है, उनको ढूंढने के लिए हम धरती को भी फाड़ सकते है हम, अफशीन सिंह राठौर आज यह शपथ लेते हैं कि हम अपनी प्रजा के लिए अपना बलिदान दे देंगे परंतु अपना तन और ये राजपूती खून किसी राक्षस को कभी भी छूने नहीं देंगे हम अपनी प्रजा के सामने ये कसम खाते हैं, हमारी प्रजा कभी भी किसी की गुलामी नहीं करेगी |