दिवाली, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, बुराइयों को मिटाने का दूसरा नाम भी है। यह पर्व न केवल घरों को रोशन करता है, बल्कि हमारे दिलों में प्रेम, सौहार्द्र और समर्पण का प्रकाश भी भरता है। हर दीया हमें याद दिलाता है कि जैसे प्रकाश अंधकार को मिटा देता है, वैसे ही हमारे भीतर की बुराइयों को भी समाप्त करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दिवाली पर व्यावहारिकता और स्वच्छता पर जोर दिया है, जो हमारी सामाजिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए आवश्यक है। कैलाश विजयवर्गीय के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता, जिन्होंने पितृ पर्वत पर हनुमान प्रतिमा की स्थापना कर देश में आस्था और संस्कृति का मान बढ़ाया। दिवाली का यह पावन पर्व हमें यह सिखाता है कि बुराइयों को मिटाकर और स्वच्छता अभियान को अपनाकर ही हम एक महान समाज की स्थापना कर सकते हैं। अपने भीतर आत्मज्ञान का