यह कहानी एक ऐसे युवक की है, जो अपने घर में एक हफ्ते के लिए आए एक लड़की से जुड़ाव महसूस करता है। लड़की आर्मी ट्रेनिंग के लिए शहर आई होती है और उसी दौरान युवक के घर पर ठहरती है। उनके बीच हल्की-फुल्की बातें, हंसी-मज़ाक और कुछ गहरी बातचीत होती है। वे दोनों उस हफ्ते में अच्छा वक्त बिताते हैं और एक अनकही सी दोस्ती का रिश्ता बन जाता है। आर्मी ट्रेनिंग खत्म होने के बाद, जब वह लड़की वापस जाने की तैयारी करती है, तो युवक के दिल में एक खालीपन सा महसूस होता है। उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं, लेकिन वह खुद को संभालता है। लड़की के जाने के बाद घर में सन्नाटा छा जाता है। उस छोटी सी मुलाकात ने युवक के दिल में उसकी यादों की गहरी छाप छोड़ दी है। अब वह उसके बिना अकेला और खाली-खाली महसूस करता है, और हर कोने में उसे उस लड़की की हंसी और बातें याद आती हैं। यह कहानी उन छोटी-छोटी मुलाकातों और पलों की