विनोद अपने कमरे में बैठा था, जब उसकी बेटी वैशाली तीखे लहजे में बोली, "पापा, मैं कोई बच्ची नहीं हूँ! मैं 21 साल की हूँ, ग्रेजुएशन कर चुकी हूँ। अपने भले-बुरे का फैसला कर सकती हूँ। आजकल लड़के-लड़कियाँ दोस्त होते हैं, साथ घूमते हैं, काम करते हैं। यहाँ तक कि कुछ लोग लिव-इन में भी रहते हैं। ये सब आम बात है।" ...All Rights Reserved