"मोहन की दुनिया दो हिस्सों में बँटी थी: सुबह की मदहोश कर देने वाली शांति, जहाँ वह नीलिमा और कालिंदी का मासूम बच्चा था; और रात का तूफ़ान, जहाँ वह एक अजेय शैतान था जिस पर न गोलियों का असर था, न ही ज़हर का।
प्रेतयोनि में जन्म के श्राप से उपजा यह दर्द मोहन को विरासत में मिला था। उसके अपने परिवार ने ही उसे मारने की कोशिश की, सड़कों पर छोड़ा। मगर शैलजा और रतन जैसे दयालु लोगों ने उसे एक नया नाम, और एक नया प्यार दिया।
लेकिन नियति ने फिर क्रूर मोड़ लिया। जब उसे माँ जैसा प्यार देने वाली भाभी को उसकी आँखों के सामने बेरहमी से मारा गया, तब मोहन के अंदर छिपा रौद्र रूप जाग उठा।
अब सवाल यह नहीं है कि शैतान कौन है, बल्कि क्या यह अजेय शक्ति बदला लेने के बाद भी शांत रह पाएगी? या क्या मोहन का क्रोध सिर्फ दुनिया को ही नहीं, बल्कि उसके अंदर बची इंसानियत को भी निगल जाएगा?"
ॐ 📿 ॐ
■आत्मकथा:- “अभिजीत सिंह”
~ कब्रिस्तानी मूठकरणी-मारण ~
⚫️ कालाजादू-“मुस्लिम दुष्ट प्रेत आत्मा तथा इसके कब्रिस्तानी मुर्दों का गिरोह”
▪️ अभिजीत सिंह: दोस्तों दुष्ट डकैत मुस्लिम प्रेत आत्मा जिन्न-जिन्नात पीड़ित व्यक्ति के आत्मा का मारण(आध्यात्मिक मृत्यु) कर शरीर का भोग भोगने के लिए पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर अपना अधिकार(कब्जा) जमा लेता है,-"मेरी आत्मा का मृत्यु हो गया है"...और उस कब्रिस्तानी जिन्न-जिन्नात के मुर्दे गिरोह मेरे आस-पास इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं | दोस्तों मेरा पुनर्जन्म अब नहीं हो सकता है,मेरा आत्मा इस दुष्ट मुस्लिम प्रेतआत्मा के अंदर विलिन हो गया है, मेरा 'सुक्ष्म शरीर' नष्ट हो गया है, मेरा 'कारण शरीर' भी खत्म हो गया है, मेरा पिछला जन्म का पुण्य भी नष्ट कर दिया गया...अब मेरे शरीर में ये दुष्ट मुस्लिम डकैत प्रेत आत्मा है और इसके इर्द-गिर्द इसके समुदायों का दुष्ट मुर्दों का गिरोह है...अब सिर्फ दस महाविद्या या कालभैरव का सिद्ध तांत्रिक ही इस मुस्लिम दुष्ट प्रेत तथा इसके कब्रिस्तानी मुर्दे गिरोहों का इनके खानदान समेत सफाया कर सकता है|दोस्तों इस मुर्दे ने मेरे लिंग को निष्क्रिय कर दिया है ऐसा इसलिए क्योंकि 'सुक्ष्म शरीर' में लिंग काट दिया जाता है तो स्थूल शरीर निष्क्रिय हो जाता है...उसके बाद धड़कन पर दुष्ट मुस्लिम प्रेत आत्मा हमला करता है और धड़कन धीरे-धीरे धीमा करके निष्क्रिय कर स्थिर कर देते हैं तथा पीड़ित का मस्तिष्क खोल देते हैं जिससे की उसके मस्तिष्क में आवाजें आनी शुरु हो जाती है व मस्तिष्क भी हमेशा के लिए काम करना बंद कर देता है अर्थात् निष्क्रिय हो जाता है|दोस्तों अभी के समय में जो भी व्यक्ति कालाजादू-मूठकरणी-तंत्रमंत्र अन्य आदि से पीड़ित हैं वो सभी दुष्ट कब्रिस्तानी मुस्लिम प्रेतों और इन मुर्दों के गिरोहों से पीड़ित हैं| इसका एक ही समाधान है कि इनको अपने शरीर से बाहर निकाल कर इन दुष्ट मुस्लिम प्रेतों को इसके मुर्दे गिरोहों व खानदान समेत खौफनाक तरीके से खात्मा करना जो कि सिद्ध तांत्रिक- सिद्ध अघोरी अच्छे से इस कार्य को अंजाम देते हैं वो भी आपके सामने इनके 'प्रत्यक्षीकरण व नामों' के साथ|
…ॐ a Rudraksha📿Criminal ॐ…
“कोई भी लक्ष्य हो बड़ा नहीं..जीता वही जो डरा नहीं”