Story cover for मेरी ज़िन्दगी का वरक़ वरक़...(Meri Zindagi Ka Waraq Waraq...) by fareedjnu
मेरी ज़िन्दगी का वरक़ वरक़...(Meri Zindagi Ka Waraq Waraq...)
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Ongoing, First published Nov 11, 2015
ये मेरी तमाम तख़्लीक़ात (रचनाओं) का मजमुआ (संग्रह) है। इसमें मेरी तमाम ग़ज़लें और नज़्में शामिल हैं। ये नज़्में और ग़ज़लें ज़िन्दगी और ज़माने के कर्ब और हालात से मुतास्सिर हैं। इसमें दिल का दर्द भी है और ज़माने, हालात और ज़िन्दगी से जूझते हुये इंसान की कशमकश भी। इसलिये आप से गुज़ारिश है कि इसको पढ़ें और वोट और कमेन्ट भी करें।
-फ़रीद क़मर.

Ye meri tamaam takhleeqaat (rachnaaon) ka majmuaa (Sangrah) hai. Isme meri tamaam Ghazalen aur Nazmen shaamil hain. Ye nazmen aur Ghazalen zindagi aur zamaane ke karb aur halaat se mutassir hain. Isme dil ka dard bhi hai aur zamaane, halaat aur zindagi se joojhte huye insaan ki kashmakash bhi. Isliye aapse guzaarish hai ki isko padhen aur vote aur comment bhi karen.
-Fareed Qamar.


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