Story cover for मेरी तहरीरें Meri Tahreerein by fareedjnu
मेरी तहरीरें Meri Tahreerein
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Ongoing, First published Nov 18, 2015
मेरी कुछ नज़्में और ग़ज़लें जिनमें ज़िन्दगी का कर्ब भी है और ज़माने का ग़म भी. मुहब्बत भी है और मुहब्बत के दर्द का मीठा एहसास भी. इन ग़ज़लों और नज़्मों को पढ़ कर आप अपनी राय ज़रूर दें। मुझे ख़ुशी होगी।
-फ़रीद क़मर

Meri kuchh nazmen aur ghazalen, jinme zindagi ka karb bhi hai aur zamaane ka gham bhi. Muhabbat bhi hai aur muhabbat ke dard ka meetha ehsaas bhi. In ghazalon aur nazmon ko padh kar aap apni raai zaroor den. Mujhe khushi hogi.
-Fareed Qamar
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