नमस्ते दोस्तों मैं अपनी बेशक़ीमती गज़लों को यहा आपके सामने पेश कर रहा हूँ .... इन में मेरे इश्क़ का मेरी चाहतों का and मेरी मुहहब्बत का जायका आपको मिलेगा. to कहीं कहीं इसमे ज़िंदगी के उतार चढ़ाव मिलेंगे ........ तो पेश है मेरी गज़लों की किताब ''ज़र-ए-मुसाफिर'' संदीप भाटीHak Cipta Terpelihara