वेद वाणी
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Ongoing, First published Jun 02, 2016
जिस व्यक्ति ने जन्म लिया है, वह जीवन को सुंदर बनाने के लिये उत्पन्न हुआ है.  वह जीवन-संग्राम में लक्ष्य-साधन के हेतु परिश्रम करता है. धीर व्यक्ति अपनी मनशक्ति से कर्मों को पवित्र करते हैं और विप्रजन दिव्य भावना से वाणी का उच्चारण करते हैं- ऋग्वेद
आचार्य विपिन कृष्ण काण्डपाल
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