Khabi khabi zindagi main bs ak hi mulakaat hi kafi hote hai mohabbat ko ashses hone k liye...!
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Kya is mohabbat ho payegi khabi puri ya reh jaygi adhuri....!
एक दिन हम दोनों एक ही साइकिल पर शहर से दूर मस्ती में झूमते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे. आकाश में बादलों की दौड़ शुरू हो चुकी थी. मौसम सुहावना था. हर जगह हरियाली बिछी थी.