ईश्वर रूपी प्रेम ईश्वर रूपी प्रेम, ऐसा रसपान है जिसकी मिठास न गुड में है और न शहद के भण्डार में, अपितु यह तो केवल ईश्वर प्रेमी के दिल में अपने ईश्वर के प्रति, निश्छल भक्ति के रूप में है। ईश्वर रूपी प्रेम ऐसा फूल है, जो काँटे को कोमल बनाता है नास्तिक को आस्तिक बनाता है और इसकी सुगंध न सिर्फ , वायुमंडल में बहती है बल्कि हर भक्त के मन में बहती है ॥ ईश्वर रुपी प्रेम ऐसा मोक्ष का द्वार है, जो मनुष्य को जीवन -मृत्यु और मोह- माया के चक्र से पूर्णत:मुक्त कर देता है, और उसे परमात्मा से अवगत करा देता है
3 parts