वैदिक काल में ऋग्वेद के पुरुष सूक्त से जो वर्ण व्यवस्था चली, वह आज भी जारी है। शिक्षा और जागरुकता के अभाव में दलित इससे वंचित रह गये।’ -एमएन श्रीनिवास , प्रख्यात समाज शास्त्री ( सन् 1966 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘सोशलाजिकल स्टडी आफ मार्डन इंडिया’ में )All Rights Reserved