प्रस्तुत रचना एक कवि के उस स्वाभाव को दर्शाती हुई लिखी गयी है जिसमे कवि को दुनिया की कुरीतियों का वर्णन करना पसंद नहीं अपितु खूबियों को दिखाने की सनक है. हालाँकि भूले भटके अगर कुरीतियों का वर्णन हो जाये तो वह निर्मम तरीके से अपनी बात रखता है. आशा है आपको ये रचनाएँ पसंद आएँगी. आपके सुझाव व कटाक्ष दोनों का स्वागत है