हमसफ़र मेरे ❤️।

23 2 0
                                    

यादे तो बहुत है तेरे संग बिताई शामों की
पर डर है उन यादों के साये जिन्दगी न बितानी पड़े।

आज हूं तेरे बाहों के घेरे में
पर डर है की वो पल न आ जाए जब सिर पर सिर्फ सुना आसमान ही दिखे।
मंजर वहीं ,समा भी वही होगा,
दवा वही, नशा भी वही होगा,
पर डर सिर्फ इतना है कि सुकून मिले न मिले।

 
अब तो बस इंतज़ार है उस क्षड़ का जब तू कहे

"चल न मै और तू "हम "बनकर ज़िंदगी के हमसफ़र बन जाए।
चल न मेरे यार फिर वहीं  प्रेम क्षितिज से भरी शामे बिताए।"


तनुश्री शुक्ला ❤️।

You've reached the end of published parts.

⏰ Last updated: Feb 07, 2021 ⏰

Add this story to your Library to get notified about new parts!

हमसफ़र मेरे❤️।Where stories live. Discover now