जिन्दगी के सफ़र मे बहुत से लोगो से मुलाक़ात होती हैं, पर सब हमसफ़र नहीं होते। कुछ लोग ही ऐसे मिलते है जिन्दगी मे जिन्हें जिन्दगी अपना हमसफ़र कहती है। पर ऐसे हमसफ़र जल्दी मिलते नहीं और मिलते भी है तो जिन्दगी तक साथ चलते नहीं। हम हर किसी को अपने दिल मे जगह दे सकते है पर हर किसी के नाम से दिल को धड़का नहीं सकते। कुछ लोग ऐसे होते है जैसे कि "रेगिस्तान में पानी नजर आता है पर होता नहीं है" ....... ठीक उसी तरह वो हमे हमारे लगते है पर होते नहीं है। वो तो एक ऐसा अनजान रास्ता होते है जिन पर हम चल तो सकते पर कोई मंजिल नहीं पा सकते। उनके जाने के बाद हम तो ये समझ लेते है कि शायद वो हमारे थे ही नहीं पर जिन्दगी नहीं समझती, वो तो हर पल उसी अनजान रास्ते पर चलना चाहती है , उसी रास्ते में खो जाना चाहती है। उसी सूखे रेगिस्तान मे पानी ढूंढती रहती है। एक झलक अपने हमसफ़र की देखना चाहती है। हम ऐसे