तीन महीने बाद :
मै कॉलेज के लिये रेडी हो रहीं थी,तभी फ़ोन बजा,तनुजा की कॉल थी.
आशा - " बस दस मिनट में निकल रहीं हूँ . . "
तनुजा - " आराम से निकल,आज कॉलेज नही जाना दीपक मूवी दिखा रहा हैं "
आशा - " ओहो डेट सेट हा,चल मजे कर कल मिलते हैं "
तनुजा - " तुझे भी साथ चलना हैं "
आशा - " पागल हैं क्या . . ? "
तनुजा - " प्लीज़ चल ना दीपक ने बोला हैं . . "
आशा - " अरे तुम लोगों के बीच में मेरा क्या काम,तुम जाओ मैं नही आ सकती सॉरी "
तनुजा - " तू आ रहीं हैं मतलब आ रहीं हैं बस,ठीक नौ बजे कालाढूगी चौराहे पे मिल "
आशा - " तनुजा प्लीज़ समझ ना,. . . . "
तनुजा - " तुझे हमारी फ्रेंडशिप की कसम,जल्दी पहुँच . . "
आशा - " पर . . . . "
तनुजा ने फ़ोन कट कर दिया.
क्या मुसीबत हैं यार मैंने सोचा.
अजीब मुसीबत थी,घरवालों को बिना बताये उन लोगों के साथ,मूवी कुछ समझ नही आ रहा था क्या करूँ . . . ?
खैर कसम दी थी,जाना तो था.
जैसे ही मैं आटो से उतरी तनुजा का हँसता हुआ चेहरा मेरे सामने था.
साथ में दीपक था .
दीपक के साथ एक और लड़का था .
हैंडसम सा,बाकी तो याद नही पर आँखे . . . . !
जी हाँ,उसकी आँखों में कुछ तो ऐसा था,की कुछ सेकेंड के लिये मैं सब भूल सा गयीं थी.
अगले ही पल तनुजा की आवाज़ ने मुझे जगाया.
तनुजा - " मुझे पता था,तू ज़रूर आयेगी,हमारी फ्रेंडशिप की कसम जो थी . . . "
आशा - " हम्म,उठा ले फायदा मेरी शराफत का . . "
दीपक - " हेलो आशा,सॉरी मैंने ही बोला था तनुजा को.यार कभी तो बुक्स से बाहर आओ ना "
आशा - " इट्स ओके,मैं तो बस . . "
दीपक - " ग्रेट,ओह हा ये मेरा फ्रेंड रवि हैं,और रवि भाई ये हैं तनुजा की सबसे खूबसूरत फ्रेंड आशा . ."
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Pain of love (एक लव स्टोरी )
Teen Fiction" यार ये लड़को का प्रोब्लम क्या हैं प्यार प्यार वरना कुछ नही अरे फ्रेंड्शिप जैसी चीज़ इनको समझ ही नही आती,चाहिये तो बस एक ही चीज़,दोस्ती विश्वास की कोई कीमत ही नही हैं " आशा बड़बड़ा रहीं थीं,जैसे आज ही पूरी दुनियाँ के लड़को को बदल डालेगी . . . ! अरे को...