Part - 7

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तीन महीने बाद :

मै कॉलेज के लिये रेडी हो रहीं थी,तभी फ़ोन बजा,तनुजा की कॉल थी.

आशा - " बस दस मिनट में निकल रहीं हूँ . . "

तनुजा - " आराम से निकल,आज कॉलेज नही जाना दीपक मूवी दिखा रहा हैं "

आशा - " ओहो डेट सेट हा,चल मजे कर कल मिलते हैं "

तनुजा - " तुझे भी साथ चलना हैं "

आशा - " पागल हैं क्या . . ? "

तनुजा - " प्लीज़ चल ना दीपक ने बोला हैं . . "

आशा - " अरे तुम लोगों के बीच में मेरा क्या काम,तुम जाओ मैं नही आ सकती सॉरी "

तनुजा - " तू आ रहीं हैं मतलब आ रहीं हैं बस,ठीक नौ बजे कालाढूगी चौराहे पे मिल "

आशा - " तनुजा प्लीज़ समझ ना,. . . . "

तनुजा - " तुझे हमारी फ्रेंडशिप की कसम,जल्दी पहुँच . . "

आशा - " पर . . . . "

तनुजा ने फ़ोन कट कर दिया.

क्या मुसीबत हैं यार मैंने सोचा.

अजीब मुसीबत थी,घरवालों को बिना बताये उन लोगों के साथ,मूवी कुछ समझ नही आ रहा था क्या करूँ . . . ?

खैर कसम दी थी,जाना तो था.

जैसे ही मैं आटो से उतरी तनुजा का हँसता हुआ चेहरा मेरे सामने था.

साथ में दीपक था .

दीपक के साथ एक और लड़का था .

हैंडसम सा,बाकी तो याद नही पर आँखे . . . . !

जी हाँ,उसकी आँखों में कुछ तो ऐसा था,की कुछ सेकेंड के लिये मैं सब भूल सा गयीं थी.

अगले ही पल तनुजा की आवाज़ ने मुझे जगाया.

तनुजा - " मुझे पता था,तू ज़रूर आयेगी,हमारी फ्रेंडशिप की कसम जो थी . . . "

आशा - " हम्म,उठा ले फायदा मेरी शराफत का . . "

दीपक - " हेलो आशा,सॉरी मैंने ही बोला था तनुजा को.यार कभी तो बुक्स से बाहर आओ ना "

आशा - " इट्स ओके,मैं तो बस . . "

दीपक - " ग्रेट,ओह हा ये मेरा फ्रेंड रवि हैं,और रवि भाई ये हैं तनुजा की सबसे खूबसूरत फ्रेंड आशा . ."

Pain of love (एक लव स्टोरी )जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें