कब्रिस्तान में सोना

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रोते हुए दिन बिताना, और रातो का कट जाना चिलहाट में
नही है छुट कुछ कहने की, नही है छूट नज़र मिलाने की
दर्द सहना, लेकिन नही है छूट जताने की
औरत हो या एक आम् लड़की, नही हैं हक मुह कों खोलने की

चिड़ियों की चहचहाहट सुनना, मन ही मन सारा ज़ग घुमने की लालसा रखना
लेकिन दम रखकर हर ख्वाहिशों को अपने ही हाथो तोड़ देना
हाथों में कला छुपाए काम है उसका सिर्फ घर का आंगन पोछा करना
लेकिन सच्चाई यही कि बंद कमरे घूट घूट कर रहना और वक्त आने पर कबरिस्तान में सोना







Thank you..
Its me..

Reality of girl life Where stories live. Discover now