रिश्ता है क्या हमारा क्या कभी आप ये केह पाओगे।
सेहमासा है दरमिया जो बीच हमारे ,
कोई नाम इसे दे पाओगे।वजूद कुछ मीट सा गया है हमारा,
पर क्या हमे ठुकरा पाओगे ।सिर्फ दर्द सा बचा है मेरे जहन में,
सुकून का वो आखरी पना भी कही बिछड़ सा गया है ,
पर क्या अपनी यादों से हमे हटा पाओगे ।गुजरे लम्हों की वो बारिशे ,
बाड बन के आ जाति है इन नम आंखों में ,
क्या इन आंखों को आप कभी भुला पाओगे ।सब कुछ तो नहीं था मेरे पास
लेकीन जो था ,
उसे छोड़ के सुकून से जी पाओगे।चलो कुछ और तो ना सही पर
में कोन था तुम्हारे लिए
क्या तुम कभी ये कहे पाओगे ।Thank you 💝
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just shayri
Poetryso this is not a story bas me shayri likhti hu to socha aha par post kar du agar ap logo ko pasand aye to muje boln ame or post karugi nai to cancel ☺️ Muje comments me batana ki or post karu ya nai Thank you ❤️