कब्रिस्तान की कहानी || Kabristan Horror Story In Hindi || Horror Story In Hindi

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मनोहर का घर पुराने कब्रिस्तान के पीछे था और उसके घर के छत से वह कब्रिस्तान अच्छे से दीखता था। वह रोज उस कब्रिस्तान को पार करके ही अपने काम पर जाता था। मनोहर के दो बच्चे थे और दोनों बच्चे बड़े ही सैतान थे बड़े बेटे का नाम रॉकी और छोटे बेटे का नाम विकी था।
एक बार गर्मी की छुट्टियों में रॉकी और विकी की बहन सोनिया भी आयी हुयी थी। तीनो मिलकर रात के लगभग 12 बजे एक रूम में Truth और Dare खेल रहे थे। रॉकी सोनिया से पूछता है की तुम Truth लोगी या Dare, सोनिया Dare लेती है और पूछी है की तुम लोग कुछ खतरनाक करने के लिए तो नहीं कहोगे ना।
रॉकी - ये हुयी ना बात, तो जाओ अब छत पर से घूम करके आओ और छत पर रखे गमले में से फूल तोड़कर लाना होगा तभी हमें पता चलेगा की तुम छत पर से आयी हो।
सोनिया - छत पर से तो कब्रिस्तान दीखता है.. नहीं मै नहीं जाउंगी।
रॉकी और विकी दोनों सोनिया को छत पर जाने के लिए जबरदस्ती बोलते है। सोनिया छत पर जाती है और जैसे ही गमले में लगे फूल की तरफ बढ़ती है तभी उसकी नजर कब्रिस्तान की ओर पड़ती है।
कब्रिस्तान में एक बड़ा सा सूखा पेड़ होता है वह देखती है की उस पेड़ पर एक सर कटी हुयी उलटी लाश लटक रही होती है। सोनिया उसे देखती है और जोर से चिल्लाती हुयी बेहोश हो जाती है। फिर जब सोनिया बहुत देर तक छत पर से नहीं लौटती है तो रॉकी और विकी दोनों डर जाते है और वह छत पर जा करके देखते है तो पाते है की सोनिया बेहोश पड़ी है वो तुरंत मनोहर को बुलाते है और सारी बात बताते है।
मनोहर - तुम तीनो को ऐसा खेल खेलने की जरुरत क्या थी और रॉकी तुम तो जानते हो उस कब्रिस्तान के बारे में कैसी-कैसी खबरे आती है फिर भी तुम सोनिया को रात में छत पर जाने के लिए क्यों भेजा।
रॉकी - Sorry Dad मुझसे गलती हो गयी हम आगे से ऐसा नहीं करेंगे।
मनोहर - और फिर कभी दुबारा ऐसा काम किया तो तुम दोनों को उसी कब्रिस्तान में छोड़ आऊंगा। अच्छा सोनिया बेटी ये बताओ तुम ने वहा ऐसा क्या देख लिया था की तुम वही बेहोश हो गयी।
सोनिया सहमी हुयी हालत में मनोहर को सारी बात बताती है की उसने क्या देखा मनोहर ने उस कब्रिस्तान के बारे में ऐसी खबरे पहले भी सुनी हुयी थी इसलिए वह सोनिया को डाटता नहीं है और बच्चो को संभलकर रहने की सलाह देता है। एक दिन मनोहर को काम से छुट्टी मिलने में देर हो जाती है और उस दिन उसे Auto भी नहीं मिलता है वह पैदल ही घर की ओर चल पड़ता है। इधर विकी और रॉकी दोनों आपस में बात करते है।
रॉकी - विकी तुम्हे क्या लगता है सोनिया ने जो कहा वो सच है.. मुझे तो लगता है की वो सिर्फ बाते बना रही है वो उसका भ्रम होगा।
विकी - अरे नहीं भाई तुमने उसकी हालत देखी नहीं एक दिन भी और यहाँ रुकने को तैयार नहीं हुयी मुझे लगता है की उसने सच में कुछ देखा होगा।
रॉकी - चलो हम कब्रिस्तान में जाकर खुद ही देख लेते है।
विकी - अरे भाई तुम पागल तो नहीं हो गए हो, मुझे अपनी जान बहुत प्यारी है मै कही नहीं जाऊंगा और तुम भी मत जाओ।
विकी के मना करने के बावजूद रॉकी नहीं मानता है और वह अकेले ही कब्रिस्तान की ओर चल देता है कब्रिस्तान का दरवाजा खोलता है और अंदर चला जाता है। वह उस पेड़ की ओर भी देखता है जिस पर सोनिया को सर कटी हुयी उलटी लाश दिखी थी। रॉकी खड़े होकर उस पेड़ की ओर देखता है तभी एक अदृश्य हाथ उसके पैरो को पकड़ लेता है रॉकी डर जाता है और जोरो से चिल्लाने लगता है (बचाओ.. बचाओ.. छोड़ दो मुझे मुझसे गलती हो गयी मै फिर कभी यहाँ दुबारा नहीं आऊंगा)
दूसरे कोने पर एक कब्र होती है जो की खुली हुयी होती है उसके ऊपर खून लगा हुआ होता है वह अदृश्य हाथ रॉकी को खींचकर लाते है और उस कब्र में ढ़केलने की कोशिश करने लगते है। रॉकी चिल्लाता है (छोड़ दो छोड़ दो मुझसे गलती हो गयी मै फिर यहाँ कभी नहीं आऊंगा मुझे मत मारो मुझे जाने दो) मनोहर काम से पैदल घर पहुंचने वाला ही होता है जैसे ही वह कब्रिस्तान से गुजरता है उसे रॉकी की आवाज सुनाई देती है।
मनोहर - ये क्या ये तो रॉकी की आवाज लगती है ये तो कब्रिस्तान से आ रही है मुझे जा करके देखना चाहिए।
मनोहर कब्रिस्तान में चारो ओर देखता है लेकिन रॉकी कही नहीं दिखाई देता है। वह घर लौटकर आ जाता है और विकी से पूछता है की रॉकी कहा है।
विकी - पापा मेरे बार-बार मना करने के बावजूद भी रॉकी कब्रिस्तान में चला गया वो जानना चाहता था की सोनिया जो कह रही थी वो सच है या नहीं।
मनोहर - हमारे पास समय बिलकुल भी नहीं है जाओ घर के मंदिर में शंख में जो जल रखा है वो जल्दी से लेकर आओ हमें रॉकी को खोजने कब्रिस्तान जाना पड़ेगा।
विकी वो जल लेकर आता है। मनोहर और विकी कब्रिस्तान में जाते है। मनोहर जल छिड़कता है फिर उसे किसी के घसीटने का निशान दिखाई देता है वह समझ जाता है और फिर उस निशान का पीछा करते हुए उस कब्र तक पहुंच जाता है। मनोहर कब्र के आस पास वो जल छिड़कता है। कब्र से अजीब-अजीब सी आवाजे आती है विकी बहुत डर जाता है।
मनोहर - मुझे लगता है की श्रापित प्रेत आत्माओ ने रॉकी को इस कब्र के अंदर कैद कर लिया है हमें जल्द ही इसे निकलना होगा तुम ये पवित्र जल आस पास छिड़कते रहो इससे हमें वो प्रेत आत्माये कोई नुक्सान नहीं पंहुचा पाएंगी। मै कब्र को खोलने की कोशिश करता हूँ।
मनोहर उस कब्र को खोलने की बहुत कोशिश करता है अंत में वह कब्र खुल जाती है उसके अंदर रॉकी लत पत बेहोश पड़ा होता है मनोहर रॉकी को लेकर हॉस्पिटल जाता है उसकी हालत बहुत गंभीर होती है। उस दिन के बाद मनोहर उस घर को छोड़कर शहर से दूर एक दूसरे घर में अपने पुरे परिवार के साथ रहने चला जाता है।

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