पुनर्गमन

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मै समुंदर के किनारे से घर रिज़ॉर्ट मे जाता हूँ
 और फूफा जी से पूछता हूँ की मुझे क्या करना है वो बताते है की आज मंदिर चलना है


 उसके बाद अभिनव (नंदिनी के होने वाले पती ) के घर जाना है
मै  अपने कमरे मे जाकर तैयार होता हूँ और मंदिर जाते है हम 8 बजे के करीब मंदिर जाते है 

बुआ ,फूफा जी ,मौसा जी और मै जनरधन स्वामी मंदिर जाते है ये मंदिर काफी पुराना होता है वहा बुआ शादी मे कोई रुकावट न आए उसके लिए पूजा करते है 

 उसके बाद हम वापस आते है 11 बजे के करीब मे कूछ रिश्तेदारों को लेने जाता हूँ स्टेशन पे आदि के साथ और मै सोचता हूँ की आज सुबह से राधिका को नहीं देखा मै राधिका के फोन पे फोन करता हूँ तो वो फोन नहीं उठाती  तो मै वापस आकार सीधा  उसके कमरे मे जाता हूँ वहा नंदिनी दीदी होती है मै उनसे पूछता हूँ

 राधिका कहा है सुबह से दिखी नहीं  मैंने उसे कॉल किया था उसका फोन भी नहीं लग रहा  कही दिख भी नहीं रही 

नंदिनी दीदी पूछती है अमन तुमको  राधिका पसंद है ?

 मै हमेशा से उसे पसंद करता हूँ मुझे वो बचपन से पसंद है लेकिन हमारी बात नहीं हुई थी काफी समय से बचपन मे मैंने कई बार बताया भी था लेकिन वो मजाक मे लेती है वो कभी मुझे समझेगी नहीं ! ऐसी ही है वो 

 लेकिन वो है कहाँ ???

वो अभी बाथरूम मे  है

 मै  धीरे से पूछता हूँ की क्या उसने मेरी बाते सुन ली ?

वो थोड़ी तेज आवाज मे कहती है राधिका भी तुझे पसंद करती है 

बाथरूम से आवाज आती है "दीदी चुप करो "  दरवाजा खुलता है  वो सफेद ड्रेस मे बाहर आती है उसके बाल अभी भी गीले थे उसके गाल लाल हो रहे थे 

 मै पूछता हूँ की तुम अभी ,         वो बताती है की एक बच्चे ने नींबू पानी का ग्लास उसपे गिरा दिया और वो भी गिर गई  गलती से तो वो भीग गई इसलिए दोबारा नहाना पड़ा 

और उसका फोन भी टूट गया 

मै पूछता हूँ कहा चोट लागी है वो अपने घुटने की तरफ इशारा करती है 

वरकालाWhere stories live. Discover now