Part 1(dusri duniya)

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ये कहानी एक ऐसे युवक की। जो अपनी लाइफ से काफी ज्यादा तंग हो चुका था। उसे कुछ पता नहीं लग रहा था की वो क्या करे? हालांकि उसके जिंदगी में कुछ बचा नहीं था। 

ये कहानी एक ऐसे युवक की। जो अपनी लाइफ से काफी ज्यादा तंग हो चुका था। उसे कुछ पता नहीं लग रहा था की वो क्या करे? हालांकि उसके जिंदगी में कुछ बचा नहीं था। 

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प्यार के नाम पे उसका प्यार भी उसे छोड़ के चले गया था। एक युवती जिससे वह प्रेम करता था वो भी उसे छोड़कर चली गई थी। बिना कोई कारण बताए। वो बैठा था, एक पुल पे सोच रहा था उसके जीवन का क्या उद्देश्य है? कॉलेज में वो अपना कॉलेज भी पढ़ नहीं पाया था। क्योंकि तीसरे साल में वो कॉलेज में फेल हो चुका था। हालांकि वो थोड़ा सा उदास तो था लेकिन आज उसने कुछ ऐसा फैसला लिया जो उसके जीवन को बदलने वाला था। उसने सोचा की अब उसकी जिंदगी का कोई मकसद बचा नहीं है। परिवार के नाम पर उसके पास कोई नहीं था। वो बिचारा अकेला जिंदगी से जूझ रहा था। ये कहानी उस आदमी की है जो अपने जिंदगी से हार चुका था। तभी अचानक से उसे ख्याल आता है, क्यों ना वो पुल के ऊपर से कूदकर अपनी जान दे दे? परीक्षित। पीछे से आवाज आती है। वो लड़का पीछे मुड़कर देखता है। पीछे कोई नहीं था। तभी हमें पता चलता है उस लड़के का नाम prikshit था। prikshit सोचता है कि आखिर उसके साथ ये हुआ क्या? अचानक से उससे किसी ने परिचित आवाज से? ये कैसे बतियाँ? हाँ, हाँ। शायद मेरा वहम होगा। पर सोचता है 

प्यार के नाम पे उसका प्यार भी उसे छोड़ के चले गया था। एक युवती जिससे वह प्रेम करता था वो भी उसे छोड़कर चली गई थी। बिना कोई कारण बताए। वो बैठा था, एक पुल पे सोच रहा था उसके जीवन का क्या उद्देश्य है? कॉलेज में वो अपना कॉलेज भी पढ़ नहीं पाया था। क्योंकि...

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