बिना अंतर्वस्त्र

4.9K 14 0
                                    





कुछ पल बाद ओमी अंकल मुझसे बोले- रुको, मैं कोई जगह देखता हूं.
वो इतना कह कर चले गए और कुछ देर बाद वापिस आकर मुझे लेने आए.अंकल मेरी बांह पकड़ कर बोले- चलो हो गया इंतजाम.
फिर वो मुझे उसी हॉल में पीछे ले गए जहां पर्चा जमा हो रहा था.वहां हॉस्पिटल के डॉक्टर की कार खड़ी थी और वो शायद उस हॉस्पिटल की निजी पार्किंग थी.
अंकल उसी कार के बगल में थोड़ी सी खाली जगह में बैठ गए.उस तरफ एकदम सन्नाटा था तो वो अंकल ने मेरी कमर पकड़ कर मुझे अपनी गोद में बिठा लिया.
अंकल बोले- देखा … मैं नहीं डरता तुम्हारी आंटी से.
मैं उनकी गोद में मजे से बैठ गई थी तो मैं अपना मोबाइल चलाने लगी.
अंकल ने पूछा- किस लड़के से बात कर रही हो?मैंने इठला कर बोला- किसी से नहीं.
उन्होंने बात का रुख बदलते हुए कहा- अरे अपने बॉयफ्रेंड से कर रही होगी, क्यों कोई तो होगा ही!
अब तक मुझे समझ आ गया कि इस तरह से अंकल बात आगे बढ़ाना चाहते हैं.मैंने बोला- अरे नहीं अंकल, मेरा बॉयफ्रेंड कोई नहीं है. वैसे भी मुझे लड़के पसंद नहीं आते.
अंकल थोड़ा अलग लहज़े में पूछते हुए बोले- मतलब लड़कों में तुम्हारा इंटरेस्ट ही नहीं है … तो किसमें है?मैंने बोला- अरे अंकल, मेरा मतलब था कि मेरी उम्र के लड़कों में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है, जिनको सिर्फ जिस्म ही दिखता है. मुझे आपके जैसे ज़्यादा बड़े उम्र के आदमी पसंद आते हैं.
ये सुनकर अंकल ने एक लंबी सांस छोड़ी और बोले- क्यों मुझमें … मेरा मतलब मेरी उम्र में तुमको क्या खासियत पसंद है?
मैं बोली- अब देखिए, अभी कोई लड़का होता … तो इतने काम के बदले उसको कुछ ना कुछ चाहिए होता. लेकिन अब आप ही हो, जो आप मेरा हर काम निस्वार्थ करते हो. आज सुबह से आप मेरे साथ हो, वो भी बिना किसी शिकायत के.
अंकल हंस कर बोले- अच्छा तो ये बात है. लेकिन मुझे अभी भी यकीन नहीं है क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत और इतनी हॉट हो … तो कोई ना कोई तुम्हारे पीछे पड़ा ज़रूर होगा.
इतना कहते हुए अंकल ने मेरे हाथ से मेरा मोबाइल ले लिया और बोले- अगर तुम्हारा कोई अफेयर नहीं है तो मुझे अपना मोबाइल चैक करने दो.
मैंने सोचा कि मैं तो सच में किसी से इस तरह की बात नहीं करती और भाई के दोस्त ने जो मुझे चोदा था, उसका मैसेज मैंने हटा ही दिया था.मेरे मोबाइल में इस तरह का शायद कुछ नहीं है, तो मैंने उनको मोबाइल लॉक खोल कर दे दिया.
अब वो मेरे बगल में मोबाइल करके देखने लगे. मुझे भी साइड से सब दिख रहा था.
पहले तो उन्होंने मेरा व्हाटसअप चैक किया और इसी तरह और सब देखते रहे.
अंत में जब उनको कुछ नहीं मिला, तो वो मेरे मोबाइल की गैलरी खोलने लगे.
अब मैंने उनसे मोबाइल छीनने की कोशिश की क्योंकि उसमें मेरे न्यूड फ़ोटो और ब्लू फिल्म थी.
लेकिन अंकल ने मेरे दोनों हाथों को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और देखने लगे.
पहले तो उन्होंने मेरी फ़ोटो देखीं, जो पहले सिंपल, फिर हॉट और फिर कुछ नंगी थीं.उसको देख कर अंकल बोले- बहुत हॉट हो तुम …
और फिर उन्होंने ब्लू फिल्म को देख कर मोबाइल मुझे देते हुए बोले- तुम चिंता मत करो, मैं किसी को तुम्हारे घर में नहीं बोलूंगा. इस उम्र में वैसे ये सब देखना आम बात है.
उन्होंने बताया कि वो जब मेरे उम्र के थे तो वो भी नंगी फोटो वाली किताबें देखते थे.
अब तक अंकल का लंड पूरा टाइट हो गया था.
तभी वहां किसी के आने की आहट हुई, तो हम दोनों जल्दी से वहां से निकल आए.
जब बाहर आए तो मेरा नंबर आ गया था. मैं अपना पर्चा लेकर जांच करवाने अन्दर चली गयी.
वहां पहुंच कर डॉक्टर बोले- इधर बैठ जाओ और खूब पानी पियो. जब तेज़ से बाथरूम लगे, तब आना.
अंकल मेरे लिए एक दो लीटर की पानी की बोतल ले आए. कुछ देर बाद जब मुझे बाथरूम लगी, तो मैं अन्दर आ गयी. मैंने साथ में अंकल को भी बुला लिया.
अन्दर पहुंच कर डॉक्टर ने पहले तो लेटने को बोला. फिर उसने मेरी टी-शर्ट उठाने को कहा.
अंकल ने मेरी टी-शर्ट इस तरह से उठाई की उनके हाथों ने मेरे पूरे पेट का स्पर्श किया.फिर अंकल ने टी-शर्ट मोड़ कर मेरी चूची पर हाथ रख लिया, जिसके लिए मैंने भी उनको कुछ नहीं बोला.
फिर जांच कराके जब मैं टेबल से उतरी, तो अंकल ने अपने रुमाल से मेरे पेट पर लगी जेल को साफ किया.डॉक्टर ने उसी जेल को लगा कर अल्ट्रासाउंड किया था.
फिर कुछ देर में रिपोर्ट भी मिल गयी, जिसको ले कर हम दोनों बाहर आ गए.
अस्पताल से बाहर निकल कर अंकल बोले- चलो पहले कुछ खा लो, तुमने सुबह से कुछ नहीं खाया.मैंने कहा- नहीं अंकल, अब मैं घर जाकर ही खा लूंगी.
अंकल बोले- अच्छा, मगर बात ये है कि तुम्हारे साथ मैं भी सुबह से भूखा हूँ और घर जाकर कुछ खाने का समय भी नहीं बचेगा.मैंने अंकल से कहा- अरे तो आप भी मेरे साथ घर चलिए न, आप भी नाश्ता कर लीजिएगा.
अंकल राजी हो गए हम दोनों मेरे घर आए.
अंकल मुझे बाइक से उतार कर बोले- तुम अन्दर चलो, मैं बस 10 मिनट में आता हूँ.
अंकल मुझे छोड़ कर चले गए.
मैं अन्दर आ गयी और मम्मी को देखा तो वो कहीं जाने को तैयार दिख रही थीं.
मैंने उसने पूछा- आप कहीं जा रही हो क्या?उन्होंने मुझसे पूछा- पहले तुम बताओ कि क्या हुआ?
मैंने उनको बताया- कुछ खास नहीं सब नार्मल है.तो मम्मी बोलीं- ठीक है, मैं मंदिर जा रही हूँ. तुम नाश्ता बना कर खा लेना.
मम्मी के जाते ही मैंने अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी और सिर्फ स्कर्ट और टी-शर्ट पहने रही.
इतने में अंकल ने भी दरवाज़े पर घंटी बजा दी.
जब मैंने दरवाज़ा खोला तो वो मेरी तरफ हैरानी से देखने लगे.इस वक्त मैं बिना ब्रा के थी जिस वजह से मेरी टी-शर्ट से दोनों चुचियां मदमस्त दिख रही थीं.

अंकल मेरी चूचियों को ही ताकते रह गए.
मैंने उनका ध्यान बंटाते हुए उनको अन्दर बुलाया.फिर मैंने हम दोनों के लिए नाश्ता बनाया. नाश्ता करते समय भी अंकल मेरे जोबन को ही निहारते रहे, मैं भी अंकल को अपनी जवानी के दीदार कराती रही.
कुछ देर बाद अंकल चले गए शाम तक पापा भी आ गए और वह दिन इसी तरह बीत गया.

मदमस्त जवानी(Completed)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें