किसे मिलेगी मुक्ति

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रात का काला घना अंधेरा चारो तरफ छाया हुआ था ।
ठंडी ठंडी हवा चल रही थी , चारो तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था और गांव की सड़के एकदम सुनसान पड़ी हुई थी देखने से वो एक पुराने जमाने का गांव लग रहा था ,
पेड़ों के बीच से ठंडी हवा उस सन्नाटे को भंग कर रही थी । तभी एक 24-25 साल का एक आदमी अपने ही मन में बड़बड़ाते हुए जल्दी जल्दी जा रहा था " आज तो सरकार ने बहुत सारा काम दे दिया पहले कहा मैडम को बाजार करा लो फिर इधर उधर के काम सौप दिए अब में अकेला क्या क्या करू , इसी वजह से आज मुझे इतनी देर हो गई , बस जल्दी से घर चला जाऊ नही तो!" इतना कह कर वो रुक जाता है और हड़बड़ाते हुए कहता "नही ये सब कुछ नही होता" और अपने कदम और तेजी से बढ़ाने लगता है । अभी वो चार पांच कदम चला ही था की उसे ऐसा लगता है की उसके पीछे से कोई गुजरा वो पीछे मुड़ता है लेकिन वहा कोई नहीं होता वो डरते हुए अपने कदम और तेजी से बड़ाने लगता है । वो चलते चलते गांव के प्रवेश द्वार के थोड़े पास आ गया था , उसके मन से गांव के प्रवेश द्वार को देख के डर जाने लगता है , तभी उसे ना जाने गांव के प्रवेश द्वार के पास क्या दिखता है वो प्रवेश द्वार की ओर ना जाकर वो जंगल की ओर जाने लगता है , वो चलते चलते जंगल के अंदर एक बड़े से बरगद के पेड़ के पास आकर रुकता है पेड़ के पीछे एक घास फूस की एक अस्थाई झोपड़ी सी दिखती है , इसी दौरान उसे लगता है की उसके पीछे से कोई गुजरा पर जब वो पीछे मुड़ता है तो उसे अंधेरे के सिवा कुछ भी दिखता और वो वापस मुड़ने लगता है और जब वो पीछे मुड़ता हैं तो मानो उसकी रूह कांप गई हो , उसके सामने एक भयानक सी डरावनी औरत जिसके बदन पे एक भी कपड़ा नहीं था खड़ी थी , वो घूर घूर के उस आदमी के आंखों में देख रही । वो औरत पूर्णतः निर्वस्त्र थी उसके बाल खुले थे उसका मुख अत्यंत सुंदर पर बेहत ही खौफनाक था उसके मुंह पर खून लगा था और उसने अपने गले में छह इंसानी खोपडियो की माला पहन रखी थी , और उसका नग्न बदन बड़ा ही आकर्षित था ।उसके गोल गोल गुमहवदार वक्ष बड़े ही कामातुर लग रहे थे तथा उसकी योनि से मदिरा की महक आ रही थी उसके शरीर पर जगह जगह खून लगा था।  इतना खौफनाक दृश्य देख कर उस आदमी की रूह कांप गई वो निर्वस्त्र स्त्री डरावनी और  भारी आवाज में बोली hmm तुझे यहां तक लाने में बहुत मेहनत खर्च हुई है ।
वो आदमी डरते हुए बोला मुझे जाने दो mmm मेने तुम्हारा kkk क्या बिगाड़ा है , कृपया मुझे छोड़ दो । वो औरत गुर्राते हुए बोली छोड़ दू इसे कैसे छोड़ दू , आखिर तू मेरा शिकार है और हल्के सी सैतानी हसी के साथ बोली hhh ओर शिकार को भी कोई छोड़ता है भला , इतना बोलकर वो नग्न औरत डरावनी हसी में हशने लग जाती है । उस औरत के मुंह से शिकार वाली बात सुनकर उस आदमी होश उड़ जाते और वो अपने कदम पीछे खींचकर भागने की कोशिश करता लेकिन वो महसूस करता है की उसके पांव जमीन पर मानो जम गए हो वो अपने पैर जमीन से ऊपर उठाने की कोशिश करता है पर कोई असर नही होता, उस आदमी की भागने की नाकाम कोशिश देखकर वो औरत डरावनी हसी हसने लगती है और डरावनी आवाज में उससे कहती है "तुझे क्या लगा था की मैं तुझे इतने आसानी से भाग जाने दूंगी हाहहा हाहह" अगले ही पल वो गुर्राते हुए बोली"इतनी आसानी से नही मूर्ख" । इतना कहकर वो अपना एक हाथ आगे करती है और उस आदमी को जमीन से उठाकर पटक देती है और फुर्ती से जाकर उसके सीने पर बैठ जाती है , वो आदमी उस खौफनाक नग्न औरत को अपने इतने पास देखकर छटपटाने लगता है और अपने हाथ पैर इधर उधर मारने लगता है । वो औरत उसके सीने पे बैठ जाती है और एक ही बार में उसका पूरा कुर्ता फाड़ देती है और अपने नुकीले नाखूनों से उस आदमी के सीने में कुछ मंत्र बड़बड़ाते हुए गोद देती है , वो आदमी कस कस के दर्द के मारे चीखने लगता है परंतु जैसे ही वो औरत उसके सीने पे  गोदना बंद करती है वो आदमी शांत होने लगता है । जैसे ही वो आदमी शांत होता है वो नग्न औरत उसके सीने से उठती है और उसके पैर के पास जा कर उसका पायजामा भी फाड़ देती है । वो आदमी और वो औरत दोनो ही अब पूर्ण तरह निर्वस्त्र थे , वो आदमी जमीन पर लेटा हुआ था पर उसकी सांसे चल रही थी और जो भी उसके साथ हो रहा था वो उसे देख और महसूस कर बहुत डरा हुआ था। वो औरत फिर से उसके सीने पर बैठती है और उस आदमी का लिंग अपने हाथो में पकड़ कर सहलाने लगती है और अगले ही पल वो नग्न औरत उस आदमी के साथ संभोग (सेक्स) करने लग जाती है है , वो खुद ही अपनी योनि को उस आदमी के लिंग ऊपर रख संभोग करने लगती है । करीबन दस पंद्रह मिनट बाद वो औरत उस आदमी के साथ सम्भोग करते हुए चांद की तरफ देखती है सम्भोग करना छोड़ उसके शरीर से उठती है और उसके सीने के पास आकर बैठ जाती हैं और पहले तो वो अपने वक्ष उस आदमी के मुंह के पास ले जाती है अपने वक्ष से अपना दूध निचोड़ के उसे पिलाती है और फिर अगले ही पल अपने नुकीले नाखून वाले हाथ उसके सीने के अंदर डाल देती है और उसका धड़कता हुआ दिल बाहर निकल लेती है । वो आदमी की चीख निकल जाती है Aaaaaa aaaaaa,
परंतु उसने अभी भी अपने प्राण नही त्यागे थे (उसके सीने पे लिखे मंत्र के कारण) । वो नग्न औरत उस आदमी का दिल अपने हाथ में लेके उसके शरीर से उठती है और अपने दूसरे हाथ में अपने शक्तियों का प्रयोग कर एक थाली प्रकट करती है और उसमे उस आदमी का दिल रख कर उसे एक बाजु में संभाल कर रख देती है । वो शैतानी हसी में हस्ते हुए उस आदमी के सिर के पास आती है और गुर्राते हुए अपनी दो उंगलियां उस आदमी की दोनो आंखो में डाल देती है वो आदमी  फिर से चीख पड़ता है वो कुछ और प्रतिक्रिया दे पाता उससे पहले वो औरत उन दो उंगली जो उस आदमी की आंखो में थी उसी से एक ही बार में उसका सर धड़ से उखाड़ लेती है उस आदमी की आखरी चीख पूरे माहौल में गूंज उठती है उसके सिर से खून की धार निकलने लगती है और वो वस्त्रहीन स्त्री मुंह लगा कर उसका खून बड़े मजे से पीने लगती है , फिर वो उसके सिर से उसकी फूटी हुई आंखे निकाल कर उसका कच्चा  सर कच कच कर खाने लगती है । उसका पूरा शरीर उस आदमी के खून से रंग चुका था , वो औरत  उस आदमी का पूरा सर खा लिया था और अब बस उसकी मुंडी बची थी वो औरत अपने उंगली से उस की खोपड़ी में दोनो तरफ से छेद करती है और उसे अपनी छह मुंडो की माला में पिरो लेती है और उसकी दिल वाली थाली लेकर विभत्स नृत्य करने लगती है । वो औरत नृत्य करते करते  700 , 700 , 700 , 700  बोलते हुए वहा से गायब हो जाती है , उसके गायब होते ही पीछे बनी उसकी घास फूस की झोपड़ी भी गायब हो जाती , रहती है तो सिर्फ उस आदमी की सिर कटी बिना दिल की निर्वस्त्र लाश।

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⏰ पिछला अद्यतन: May 27 ⏰

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