ये तिरंगा ध्वज है हमारी शान,
इसकी खातिर हाजिर है,
अपने समस्त प्राण,
ये लहराता है जब,
गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है,
हैं तीन रंग,
केसरिया,सफेद और हरा,
तीनों आसमान के गहने हैं,
ध्वज को सबसे निराला बनाते हैं,
है ये तिरंगा ध्वज,
ससक्त भारत की पहचान,
हमारे गौरवशाली इतिहास की पताका,
भारत के संघर्षों की गाथा,
हमारे क्रांतिकारियों का लहू,
हमारे सेनिकों की शहादत का प्रतीक,
देश में,
देश के कोने-कोने में,
सीमाओं पर लहराता तिरंगा,
बयाँ करता है,
भारत की आजादी को,
भारत की ताकत को,
विदेशों में,
बड़े वैश्विक आयोजनों में,
शीश उठाए,
सूरज-सा उज्जवल,
चमकता रहता है,
ये अपना तिरंगा,
आऔ,इस तिरंगे को नमन करें,
इस तिरंगे को नतमस्तक होकर,
बारंबार प्रणाम करें,
बारंबार प्रणाम करें।
-अरुण कुमार कश्यप
29/08/2024
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ये भारतवर्ष का अरुणोदय है
Poetryदोस्तों!मैं हूँ अरुण कुमार कश्यप।ये मेरा कविता-संग्रह है।इसमें देशभक्ति से ओतप्रोत स्वरचित कविताओं को संकलित किया गया है। Copyright-सर्वाधिकार सुरक्षित 2024/अरुण कुमार कश्यप