डरावना सपना

1 0 0
                                    

एक छोटे से गाँव में एक बहुत ही पुराना मकान 🏚️🏚️था..... जहां कोई नहीं रहता था हमेशा सन्नाटा पसरा रहता था....
लोग कहते थे , कि उस मकान में भूत रहता 🏚️😱😱😱है।

एक दिन, मैने सोचा क्यों ना उस मकान 🏚️में जाकर देखा जाए कि वहाँ वास्तव में भूत😱 रहता भी है या नहीं🤔🤔🤔

दिन 🌄 ढलने वाला था मैं उस मकान🏚️ के सामने से निकल रही थी तभी मेरे दिमाग 🔔की घंटी बजी और बोली.... मुझे अभी जाकर देखना चाहिए ,जल्दी ही वापिस घर आ जाऊंगी रात होने से पहले ही ......जब मैं मकान🏚️ के अंदर घुसी , तो एक अजीब सी आवाज🔊🔊 सुनाई दी.....

मैने सोचा🤔🤔 कि यह शायद हवा की आवाज 🔊होगी, लेकिन जब मैं आगे बड़ी, तो  देखा कि एक लड़की 🧛🏻‍♀️🧛🏻‍♀️खड़ी है, जिसकी आंखे बहुत ही डरावनी थी और बाल बहुत  लम्बे लेकिन बहुत ही गंदे थे .... ऐसा लग रहा था उसे देखकर जैसे बरसों से नहाई नही ।
मुझे डर 😨तो लगा, लेकिन मैं उसे देख रही थी....लड़की🧛🏻‍♀️ ने मेरी ओर ओर देखा और कहा, "तुम यहाँ क्यो 🤔आई हो??

मैने कहा, "मैं यह देखने आई हूँ कि यहाँ वास्तव में भूत😱 रहता है या नहीं।" क्या तुम सच में भूत हो👻 या बहरूपिया????

लड़की 🧛🏻‍♀️ने कहा, अच्छा ... क्या तुम जानना चाहती हों मैं कौन हूं ??? तो सुनो मैं तुम्हें बताऊँगी कि मैं कौन हूं?? और यहाँ क्या होता है????

वो लड़की🧛🏻‍♀️ अपनी कहानी बताने लगी....."मैं इस मकान🏚️ में रहती थी, लेकिन मेरी मौत हो गई। मेरी आत्मा 👻इस मकान में बरसों से भटक रही है।

मुझे उसकी बात सुनकर डर😨 लगने लगा.....लड़की ने कहा, "तुम यहाँ से जाओ, नहीं तो तुम्हारी भी मौत हो जाएगी।"
फिर क्या था मैं तो वहां रुकी नहीं..... शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन🚂 से भी तेज दौड़ लगाई घर की की ओर ..... घर से कुछ दूरी पर मुझे ऐसा लगा 🤔जैसे कोई मेरे पीछे खड़ा है तो जैसे ही मैंने मुड़कर देखा तो ..... वही लड़की 🧛🏻‍♀️ खड़ी थी वो इतना नजदीक थी कि बस क्या ही बताऊं...

मैने  भागने की कोशिश की लेकिन वो लड़की 🧛🏻‍♀️ मेरे पीछे आती रही...... अचानक से मैं एक चीज से टकराकर गिर ,🥴गई फिर मेरे ऊपर पानी की बरसात सी होने लगी ....... मेरी डर के मारे  आंखे बंद थी ..... एक कड़ाके - दार  आवाज मेरे कानों में सुनाई पड़ी तभी फटापट से मेरी आंखे खुल🙄 गई....देखा 🙄 तो मेरे सामने मम्मी एक हाथ में झाड़ू 🧹लेकर खड़ी हैं गुस्से में 😡...... गुस्से में बोली..... कब तक सोई रहेगी झाड़ू - पोछा कौन लगायेगा???

मैं बोली..... अरे मम्मी मैं लगाऊंगी ना मैं जल्दी से बिस्तर छोड़ सफाई अभियान में लग गई ...... क्या करूं भूत से ज्यादा तो मम्मी से डर लगता है ना 😆😆😆😆

भूत वगैरा कुछ ना था वो तो एक डरावना सपना था🏚️😱😆😆😆

आप प्रकाशित भागों के अंत तक पहुँच चुके हैं।

⏰ पिछला अद्यतन: 2 days ago ⏰

नए भागों की सूचना पाने के लिए इस कहानी को अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें!

डरावना सपना जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें